ये हैं स्टूडेंट्स कम कम्युनिटी रिपोर्टर
मुजफ्फरपुर. शहर से कुछ किलोमीटर दूर एक गांव है पीर मोहम्मदपुर. यह मुशहरी प्रखंड के राजवाड़ा पंचायत में पड़ता है. बेहद पिछड़ा इलाका. नदी के किनारे बसा हुआ. यहां तक पहुंचना किसी के लिए इतना आसान नहीं है, क्योंकि गांव तक आनेवाले जो रास्ते हैं, उनमें न जाने कितने गड्ढे हैं, ऊबर-खाबड़ व धूल-धूसरित भी. इस गांव में मुख्यतः मल्लाह और धानुक जाति के लोग रहते हैं. ये लोग किसानी-मजदूरी करके परिवार को पालते हैं, लेकिन बेटी को जरूर पढ़ाते हैं. बेटा तो पढ़ता ही है. इस गांव की बेटियां आज इतनी जागरूक हो गयी है कि स्कूल-कॉलेज जाने के लिए हर बाधा को दूर कर देती हैं, लेकिन पढ़ाई नहीं छोड़ती हैं. साइकिल चलाकर रोज 5-6 किलोमीटर दूर स्थित स्कूल-कॉलेज जाती हैं. कुछ दिन पहले ही इन लड़कियों ने मिलकर टूटे-फूटे रास्ते को बना डाला और जिलाधिकारी से मिलकर अपनी समस्याएं रखीं. प्रतिभा, गुड़िया जैसी एक दर्जन से अधिक लड़कियां तो मुजफ्फरपुर शहर स्थित कॉलेज में पढ़ती हैं. इन लड़कियों के जज्बे को देखकर एनएसएस ने इस गांव को गोद लिया है. ग्रामीण डॉ सुबोध कुमार सुमन एक उत्प्रेरक की भांति इस पिछड़े इलाके के बच्चों खासकर बेटियों को शिक्षा को लेकर जागरूक करते रहते हैं.
बन गयी कम्युनिटी रिपोर्टर
ये बहादुर लड़कियां पढ़ाई के साथ-साथ अब अपनी कम्युनिटी की आवाज.भी बनेगीं. ये अप्पन समाचार के माध्यम से मेहनतकश किसान-मजदूरों की समस्याओं को उठाएंगी, भ्रष्टाचारियों की पोल खोलेंगी. 14 मार्च को अप्पन समाचार की संपादक रिंकू कुमारी ने इन लड़कियों को प्रशिक्षित किया. कैमरे की बारीकियों से लेकर न्यूज कवर करने के गुर सिखाये.